Thursday, September 19, 2024
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सतयुग दर्शन संगीत कला केंद्र जालन्धर द्वारा बैठक श्रंखला का आयोजन किया

Jalandhar : सतयुग दर्शन संगीत कला केंद्र जालन्धर द्वारा बैठक श्रंखला का आयोजन 31 मई 2023 को किया गया । कार्यक्रम का शुभारंभ सतयुग दर्शन संगीत कला केंद्र के विद्यार्थियों द्वारा स्वागतम गीत गाकर किया गया । इस अवसर पर सतयुग दर्शन संगीत कला केंद्र के प्रधानाचार्य श्री दीपेंद्र कांत जी मौजूद रहे। संगीत कला केंद्र के अध्यापक एवं अध्यापिका ने कथक ,भरतनाट्यम व गायन में अपनी अपनी प्रस्तुति पेश करके कला का प्रदर्शन किया और सभी का मन मोह लिया ।
इस अवसर पर संगीत कला केंद्र की अध्यापिका मिस रितिका, मिस मीनाक्षी , तोषी सर , जसमेल राम सर उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम में अतिथि के रूप में डॉक्टर प्रेम सागर ग्रोवर स्वरधारा से, डॉ रंजना छाबड़ा कथक डांस व तोषी देशराज सर संतूर वादक उपस्थित रहे। इस अवसर पर बताया गया बताया की संगीत कला केंद्र प्रयाग संगीत समिति इलाहाबाद जो कि सन 1926 से संगीत शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत देश की सबसे प्राचीन शिक्षण संस्था है, से मान्यता प्राप्त है । सतयुग दर्शन संगीत कला केंद्र मैं प्रयाग संगीत समिति के प्रवेशिका से लेकर संगीत प्रभाकर कोर्स के लिए शिक्षण संस्था का समुचित प्रबंध है । यहां संगीत की तीनों विधाओं अर्थात गायन ,वादन व नृत्य में शिक्षा प्रदान केरवाई जाती है । शिक्षण के लिए प्रशिक्षित अध्यापक है ।
कार्यक्रम में पधारे सतयुग दर्शन संगीत कला केंद्र के प्रिंसिपल श्री दीपेन्द्र कांत जी ने बताया कि संगीत विद्या का प्रयोग आदिकाल अर्थात वैदिक काल से ही सुदृढ़ संस्कृति साधना हेतु किया जाता रहा है । यह पद्धति मानवता संविधान के अनुकूल हर सज्जन के मन रुचि आचार – विचार कला कौशल को युक्तिसंगत निपुणता प्रदान कर हर समय काल में संविदा के क्षेत्र में बौद्धिक विकास की सूचक रही है , क्योंकि तत्कालीन संगीत लय ताल नृत्य आदि सब में चेतना मन को जागृत करने की अद्भुत क्षमता थी ।जो मनुष्य की मानसिक स्थिति को सम में सुदृढ़ रखती थी कहने का तात्पर्य यह है कि संगीत दिव्य मार्ग प्रशस्त करने का अर्थात परमानंद तक पहुंचने का सर्वश्रेष्ठ साधन था , तथा शाश्वत ध्वनि से उत्पन्न हुआ माना जाता था अखंड और अटूट था तथा तभी संगीत को जीवन का संपादन रुप से चेतना का स्त्रोत मानते थे ‌। इस अवसर पर उपस्थित कलाकार अतिथियों ने भी अपनी कलाओं का प्रदर्शन किया वह बच्चों को प्रोत्साहन करते हुए उनको गान, वादन व नृत्य के बारे में परिचय कराया और प्रोत्साहित किया और आजकल की पीढ़ी को जो आदिकाल से चलता आ रहा संगीत है उससे जुड़ने को प्रेरित किया। अंत में श्रीमती मीना सिक्का सेंटर इंचार्ज द्वारा उपस्थित सज्जनों को धन्यवाद प्रस्ताव देकर कार्यक्रम को संपन्न किया गया ।
इस अवसर पर सेंटर इंचार्ज श्रीमती मीना सिक्का , इवेंट इंचार्ज रविंद्र सचदेवा, सुमित सिक्का ,मीनू खेड़ा , जतिंदर चड्डा, सुनील नारंग, निशा सिक्का, उपमा सिक्का, सरोज, किरण गिरधर , यतिन सिक्का, धीरज, नरेंद्र चड्डा, रेखा चड्डा, चेतना, सक्षम, गौतम नारंग , अंजना चड्डा व अन्य मेंबर मौजूद रहे ।

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