जालंधर 8 फरवरी : खांबड़ा कब्रिस्तान में लाश दफन करने के लिए कब्र खोदने जा रहे मुस्लिम परिवार को खांबड़ा चर्च के द्वारा कब्रिस्तान के अंदर नहीं जान देने से मुस्लिम भाईचारे में भारी रोष पाये जाने की सूचना मिली है।
मिली जानकारी के अनुसार मोहम्मद कामिल, मोहम्मद अकबर आलम सुबह 8:00 बजे कब्रिस्तान जाने लगे तो उन्हें चर्च के नजदीक सिक्योरिटी गार्ड ने यह कहते हुए रोक दिया कि आप कब्रिस्तान के अंदर नहीं जा सकते। 12 बजे तक लाख मन्नतें करने के बाद भी उन्होंने एक नहीं सुनी और यही कहते रहे कि ऊपर से आर्डर है की आपको कब्रिस्तान के अंदर नहीं जाने देना है।
मुस्लिम भाईचारे के लोगों ने डीपी संदीप कुमार शर्मा डीपी लाइन ऑर्डर अंकुर गुप्ता को शिकायत की जिस पर एसीपी कैंट सुखनेनदर सिंह, सो थाना सदर भरत मसीह, भारी पुलिस फोर्स के साथ मौका पर पहुंचे और उन्होंने मुस्लिम भाईचारे वह चर्च वालों से बात की और मामले को शांत किया लेकिन देर होने की वजह से लैस दूसरे कब्रिस्तान में दफन किया गया।
मोहम्मद आरिफ खान, गुलजार मोहम्मद व मोहम्मद अकबर आलम ने बताया कि इससे पहले भी हमें और हमारे रिश्तेदारों को फातिहा पढ़ने के लिए कब्रिस्तान के अंदर नहीं जाने दिया गया। जब के इस कब्रिस्तान में हमारे बड़े बुजुर्ग दफन हैं।
मामले की गंभीरता को देखते हुए खांबड़ा कब्रिस्तान पहुंचे पंजाब वक्फ बोर्ड के स्टेट अफसर शकील अहमद, रेंट अफसर मोहम्मद सलीम, पटवारी सुरजीत लाल ने पुलिस अधिकारी को डॉक्यूमेंट नक्शा समेत दिखाएं लेकिन चर्च वालों ने उनकी एक नहीं मानी और अपनी उल्टी सीधी दलीलें देते रहे। वही एसीपी कैंट सुखविंदर सिंह ने चर्च और वक्फ बोर्ड को अपने डॉक्यूमेंट के साथ 3:00 बजे थाना सदर जमशेद तलब किया है।
वहीं मुस्लिम संगठन पंजाब के प्रधान एडवोकेट नईम खान भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि यह जगह मुसलमान की 1947 से कब्रिस्तान की है वक्फ बोर्ड ने तकरीबन आठ कनाल चंद सालों के लिए अलाट किया है। वह हमारा ही रास्ता रोक रहे हैं जिस पर हमें बहुत ही अफसोस है। उन्होंने कहा कि इस मामले में पुलिस पुलिस का रोल बेहद ढिलमिल है जिसकी वजह से हमेशा यहां के मुस्लिम भाईचारे को शव दफन करने में काफी परेशानियां पेश आ रही हैं जिससे मुस्लिम भाईचारे में भारी रोश पाया जा रहा है। पुलिस हमेशा मुस्लिम भाईचारे के साथ पक्षपात कर रही है जो की बहुत ही निंदनीय हैं।
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