दोआबा होम्योपैथिक स्टडी सर्किल ने होम्योपैथी के संस्थापक डा.सैमुअल हैनेमान की 270वीं जयंती मनाई

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जालंधर, 27 अप्रैल
दोआबा होम्योपैथिक स्टडी सर्किल जालंधर ने होम्योपैथी के संस्थापक डा. सैमुअल हैनेमान की 270वीं जयंती के उपलक्ष्य में एक प्रभावशाली कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि लार्ड महावीर होम्योपैथी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के प्रिंसिपल डॉ. विनोद सिंगला उपस्थित रहे, तथा विशिष्ट अतिथि बर्नेट होम्योपैथी से सीएमडी डॉ. नितीश दुबे, हैनिमेनियन अवार्डी डॉ. निर्मल सिंह, वेटरन होम्योपैथी अवार्डी डॉ. रविंदर कोचर, श्री गुरु नानक देव होम्योपैथी मेडिकल कॉलेज से डॉ. हरप्रीत सिंह, संयोजक डॉ. चरणजीत लाल, डॉ. शक्ति महेंद्रू एवं डॉ. सुभाष चंद्र निस्तंदर ने डॉ. सैमुअल हैनेमान की तस्वीर के समक्ष दीप प्रज्वलित कर एवं पुष्प अर्पित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। इस कार्यक्रम में पंजाब भर से 125 से अधिक होम्योपैथिक डॉक्टरों ने भाग लिया।
इस अवसर पर समारोह को संबोधित करते हुए भगवान महावीर होम्योपैथी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के प्रिन्सिपल डा. विनोद सिंगला ने होम्योपैथी उपचार पद्धति के महत्व पर प्रकाश डाला और कहा कि होम्योपैथी एक प्रभावी एवं सस्ती उपचार पद्धति है। उन्होंने कहा कि होम्योपैथिक उपचार प्रणाली में लोगों का विश्वास बढ़ रहा है। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित सभी होम्योपैथिक चिकित्सकों से अपील की कि होम्योपैथी एक बहुत ही प्रभावी एवं सस्ती उपचार प्रणाली है, इसलिए लोगों को इस उपचार प्रणाली के बारे में अधिक से अधिक जागरूक किया जाए।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि बर्नेट होम्योपैथी के डॉ. नितीश दुबे सीएमडी ने कहा कि होम्योपैथिक उपचार प्रणाली में कई नई दवाएं भी आ गई हैं, जो रोगियों को ठीक करने में बहुत फायदेमंद है। इस अवसर पर हैनिमेनियन पुरस्कार विजेता डा. निर्मल सिंह और वरिष्ठ होम्योपैथी पुरस्कार विजेता डॉ. रविंदर कोचर ने होम्योपैथी के संस्थापक डा.सैमुअल हैनेमान की जीवनी पर विस्तार से चर्चा की गई।
दोआबा होम्योपैथी स्टडी सर्किल जालंधर के संयोजक डॉ. चरणजीत लाल ने कहा कि होम्योपैथी चिकित्सा के सही चुनाव से पुरानी और जटिल बीमारियों को शीघ्र और स्थायी रूप से ठीक किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि होम्योपैथिक उपचार प्रणाली से एक बार रोग ठीक हो जाने पर वह दोबारा नहीं होता। इस अवसर पर डा.शक्ति महेन्द्रू ने कहा कि कई प्रकार की बीमारियां जिनके लिए सर्जरी की आवश्यकता होती है, उन्हें होम्योपैथिक उपचार प्रणाली से बिना सर्जरी के पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि होम्योपैथिक दवाएं शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता पैदा करती हैं, जो कई बीमारियों से बचाती है। इस अवसर पर डा. सुभाष चंद्र निस्तंदर ने बताया कि डा. दोआबा होम्योपैथी स्टडी सर्किल द्वारा सैमुअल का जन्मदिन पिछले 31 वर्षों से हर वर्ष अप्रैल में मनाया जाता रहा है। उन्होंने कहा कि इस आयोजन के दौरान होम्योपैथिक चिकित्सक होम्योपैथिक उपचार प्रणाली को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए विस्तृत चर्चा किया जाता है। इस अवसर पर कार्यक्रम में भाग लेने वाली विभिन्न हस्तियों को सम्मानित भी किया गया।

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