मुस्लिम कॉलोनी में प्रधानमंत्री मोदी का पुतला फूंका, वक्फ बिल के विरोध में मुस्लिम समाज का प्रदर्शन, राष्ट्रपति को भेजा मांग पत्र

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जालंधर, 28 मार्च: केंद्र सरकार द्वारा संसद में प्रस्तुत किए गए नए वक्फ बिल के विरोध में आज जालंधर के मुस्लिम समाज में भारी आक्रोश देखा गया। पंजाब वक्फ बोर्ड के पूर्ण मेंबर और पंजाब मुस्लिम फ्रंट के प्रधान मोहम्मद कलीम आज़ाद के नेतृत्व में जालंधर के सामाजिक कार्यकर्ताओं, धार्मिक नेताओं और आम नागरिकों ने एकजुट होकर राष्ट्रपति महोदय के नाम एक मांग पत्र डिप्टी कमिश्नर को सौंपा। इस मांग पत्र में बिल को असंवैधानिक बताते हुए इसे तत्काल प्रभाव से रोके जाने की माँग की गई है।

इस विरोध प्रदर्शन के दौरान मुस्लिम कॉलोनी, जालंधर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला जलाकर मुस्लिम समुदाय ने अपने गुस्से का इज़हार किया। प्रदर्शनकारियों ने सरकार पर धार्मिक स्वतंत्रता में हस्तक्षेप और वक्फ संपत्तियों पर नियंत्रण की साजिश रचने का गंभीर आरोप लगाया।

मांग पत्र में उठाई गई मुख्य आपत्तियाँ:

  1. यह बिल भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25, 26 और 29 का उल्लंघन करता है, जो धार्मिक स्वतंत्रता और अल्पसंख्यकों की सांस्कृतिक पहचान को संरक्षित करता है।
  2. सरकार को वक्फ संपत्तियों पर अनुचित नियंत्रण देने की कोशिश की जा रही है, जो कि वक्फ अधिनियम 1995 की आत्मा के खिलाफ है।
  3. धार्मिक संस्थाओं की स्वायत्तता को समाप्त करने का प्रयास किया जा रहा है।
  4. वक्फ संपत्तियों के अधिग्रहण का प्रावधान मुस्लिम समाज के लिए खतरनाक संकेत है।
  5. यह बिल बिना किसी सार्वजनिक या धार्मिक परामर्श के लाया गया है, जो लोकतांत्रिक मूल्यों के विरुद्ध है।

पंजाब मुस्लिम फ्रंट के प्रधान मोहम्मद कलीम आज़ाद, जो कि पंजाब वक्फ बोर्ड के पूर्व सदस्य भी रह चुके हैं, ने राष्ट्रपति से अपील करते हुए कहा:
“यह बिल देश के धर्मनिरपेक्ष ढांचे और अल्पसंख्यकों के संवैधानिक अधिकारों पर हमला है। यदि इसे समय रहते नहीं रोका गया, तो यह सामाजिक असंतुलन और धार्मिक टकराव को जन्म देगा। हम मांग करते हैं कि इस बिल को तुरंत रद्द किया जाए और एक निष्पक्ष समिति के माध्यम से इसकी समीक्षा करवाई जाए।”
प्रदर्शन के दौरान मुस्लिम समुदाय ने एक स्वर में सरकार के इस कदम की निंदा की और चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो देशव्यापी आंदोलन छेड़ा जाएगा। और इस मौके पर मोहम्मद अली, मोहम्मद सलीम, निजामुद्दीन मुन्ना, अनीस अहमद, मोहम्मद शकील, हाजी शकील, जुनेद आलम, हाजी जमील, मंसूर आलम, मंजर आलम, एडवोकेट मोहम्मद रफीक आजाद, एडवोकेट मोहम्मद अली, एडवोकेट अमीना खातून आजाद, मोहम्मद निराले, सिकंदर और अन्य लोग भी मौजूद थे।

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