जालंधर 7 सितंबर : पंजाब वक्फ बोर्ड के नए एडमिनिस्ट्रेटर/ डीसी पटियाला शौकत अहमद पारे (आईएएस) ने य अहम फैसला लेते हुए वक्फ बोर्ड के तकरीबन 93 रिटायर्ड मुलाजिमों की पेंशन पर पुरी तरह से रोक लगा दी है।
यह पेंशन फरवरी 2024 को एडीजीपी/ एडमिनिस्ट्रेटर एमएफ फारूकी के वक्त में वक्फ बोर्ड मुलाजिमों की मांग पर जारी की गई थी।
वक्फ बोर्ड की ओर से जारी नोटिफिकेशन के अनुसार पंजाब वक्फ बोर्ड के सेवानिवृत्त कर्मचारियों (इमाम/मुअज्जिन/केयरटेक सहित ग्रुप ए, बी, सी और डी) के लिए सेवानिवृत्ति के बाद वित्तीय सहायता (एफएएआर) लागू की गई थी। नोटिफिकेशन में कहां गया है की बोर्ड के सेवानिवृत्त कर्मचारियों (ग्रुप ए, बी, सी, डी) को उनकी नौकरी के दौरान पंजाब सरकार के कर्मचारियों के लिए लागू दरों पर वेतन दिया जाता था और वे अंशदायी भविष्य निधि नियम, 1962 के अंतर्गत आते थे, सी.पी.एफ. नियम स्वयं में किसी भी सेवा से संबंधित सरकार के प्रत्येक गैर-पेंशनभोगी कर्मचारी पर लागू होते हैं और पंजाब वक्फ बोर्ड ने उनकी नौकरी के दौरान सी.पी.एफ. के लिए नियमों के अनुसार मासिक अंशदान किया है। उक्त विनियमों में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जो सेवानिवृत्ति के बाद किसी पेंशन/वित्तीय सहायता का प्रावधान करता हो। राज्य सरकार के अधीन कई संगठन भी हैं जो सीपीएफ के अंतर्गत आते हैं और उनमें से किसी में भी सीपीएफ के अलावा पेंशन/वित्तीय सहायता का ऐसा कोई प्रावधान नहीं है।
इमाम/मुअज्जिन/केयरटेकर के मामले में, वे सीपीएफ योजना के अंतर्गत कवर नहीं किए गए थे और उन्हें न्यूनतम सेवानिवृत्ति लाभ के साथ अल्प वेतन दिया जाता था। ऐसे कर्मचारियों के संबंध में कल्याणकारी उपाय के रूप में एफएएआर को जारी रखने या न रखने की अलग से जांच की जाएगी।
नोटिफिकेशन में साफ तौर पर लिखा है कि जिन लोगों को पेंशन जारी की गए हैं वह पेंशन के हकदार ही नहीं है और बोर्ड के ला के आधार पर उनकी पेंशन पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। वहीं वक्फ बोर्ड के रिटायर्ड मुलाज़िमों में भारी रोष पाया जा रहा है।
वहीं पंजाब बोर्ड के एडमिनिस्ट्रेटर/ डीसी पटियाला शौकत अहमद पारे ने कहा कि जो भी फैसला किया गया है पूरे नियमों के मुताबिक किया गया है, हमने जो आधार देखा है उसी के मुताबिक फैसले लिए हैं। बोर्ड के जो रिटायर्ड मुलाजिम है उन्हें पीएफ सहित ग्रेच्युटी जैसी सुविधाएं नौकरी के दौरान मिल चुकी हैं अब ऐसा कोई प्रावधान नहीं है की नौकरी के बाद उन्हें पेंशन जारी की जा सके। पंजाब सरकार के अन्य सरकारी डिपार्टमेंट भी फिर ऐसे लाभ लेने के लिए सरकार के पास जा सकते हैं, इसलिए पूरे नियमों के तहत फैसला किया गया है
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