गिद्दड़पिंडी में बाढ़ की वजह से टूटे बांध को दुरुस्त करने का काम हुआ पूर्ण : सुशील रिंकू

- सांसद रिंकू ने संत बलवीर सिंह सींचेवाल और उनकी पूरी टीम का आभार व्यक्त किया

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जालंधर, 15 जुलाई- लोकसभा सदस्य सुशील कुमार रिंकू ने शनिवार को गिदड़पिंडी में बाढ़ की वजह से क्षतिग्रस्त हुए बांध को पुनः जोड़ने के काम का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि यह बांध अब से दोबारा जुड़ चुका है और इसे मजबूत बनाने के लिए काम शुरू किया गया है, जोकि कुछ ही दिनों में पूरो हा जाएगा। राज्यसभा मेंबर व पर्यावरण प्रेमी संत बलवीर सिंह सींचेवाल का आभार व्यक्त करते हुए सांसद रिंकू ने कहा कि उनकी टीम ने पूरी शिद्दत व तनदेही से इस बांध को दोबारा जोड़ने का काम किया है ताकि आसपास के गांवों को बाढ़ की चपेट से बताया जा सके।

IMG-20230715-WA0028-1024x768 गिद्दड़पिंडी में बाढ़ की वजह से टूटे बांध को दुरुस्त करने का काम हुआ पूर्ण : सुशील रिंकू

सांसद सुशील कुमार रिंकू ने आगे बताया कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की अगवाई में पंजाब सरकार संकट की इस घड़ी में राज्य के लोगों के साथ डटकर खड़ी है। उन्होंने कहा कि लोगों की जानमाल की सुरक्षा और प्रभावित लोगों तक राहत पहुंचाना सरकार की प्राथमिकता है। इसके लिए सरकार की तरफ से एक साथ कई कई पहलकदमियां की गई हैं ताकि लोगों तक कम समय में राहत पहुंचाई जा सके। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और आर्मी के दस्तों की तैनातियां यहां की गई हैं, जोकि दिनरात लोगों को सुरक्षित निकालने और उन तक राहत सामग्री पहुंचाने का काम कर रही हैं।

सांसद सुशील कुमार रिंकू ने आगे बताया कि इसी तरह मिओवाल में मौजूदा बांध की मजबूती का काम पहले से ही चल रहा है, जिसके तहत हजारों की तादाद में रेत से भरी हुई बोरियां बांध के आगे लगाई गई हैं ताकि मिट्टी के कटाव को रोका जा सके। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान पहले ही इस बाढ़ की वजह से किसानों के हुए नुकसान के मद्देनजर उन्हें क्षतिग्रस्त हुई फसलों की मुफ्त पनीरियां मुहैया करवाने का ऐलान कर चुके हैं, जोकि चार-पांच दिनो में प्रभावित जिले के किसानों को मिलनी शुरू हो जाएंगी। इसके अलावा मुख्यमंत्री की तरफ से यह भी साफ किया गया है कि राज्य सरकार के पास लोगों को राहत देने के लिए फंड्स की कोई कमी नहीं है।
इस दौरान उन्होंने संत बलवीर सिंह सींचेवाल की जमकर प्रशंसा करते हुए कहा कि संत सींचेवाल के अथक प्रयासों की बदौलत बांध को इतनी भारी क्षति के बावजूद दुरुस्त कर लिया गया है और इसकी मजबूती के साथ ही यह पहले ही भी कहीं ज्यादा मजबूत बांध बन जाएगा।

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