जालंधर – पंजाब राज्य आजीविका मिशन अधीन जिले में अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर (ग्रामीण विकास) वरिंदरपाल सिंह बाजवा की अध्यक्षता में एन.आई.आर.डी. हैदराबाद द्वारा जालंधर के 11 ब्लॉकों में गठित स्वयं सहायता समूहों की 27 चयनित बैंक सखियों को जिला कल्याण दफ्तर के बी.आर. अंबेडकर कम्युनिटी हाल में दो दिन और बैंक प्रबंधकों को एक दिन का प्रशिक्षण दिया गया।
इस अवसर पर अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर (ग्रामीण विकास) वरिंदरपाल सिंह बाजवा ने कहा कि इस समय जालंधर जिले में 1250 से अधिक स्वयं सहायता समूह बनाए गए है और पंजाब राज्य आजीविका मिशन के तहत जालंधर में लगभग 10,000 से अधिक महिलाएं मिशन से जुड़ी हुई है।
उन्होंने कहा कि इन महिलाओं के जीवन स्तर को ऊपर उठाने के लिए सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत स्व-रोजगार से संबंधित प्रशिक्षण आयोजित किया जाता है और उसके बाद इन महिलाओं को अपना स्वंय का व्यवसाय शुरू करने के लिए बैंकों द्वारा ऋण की सुविधा प्रदान की जाती है।
उन्होंने बताया कि दो दिवसीय प्रशिक्षण के दौरान बैंक सखियों को स्वयं सहायता बैंकों में खाता खोलने, सदस्यों के बीमे, कैश क्रैडिट लिमिट आदि का प्रशिक्षण दिया गया , ताकि स्वयं सहायता समूह बैंक में खाता खोलकर ऋण लेने में किसी परेशानी का सामना न करना नहीं पडे।
बैंक प्रबंधकों के प्रशिक्षण में एलडीएम यूको बैंक, बैंकों के डीसीओ और 100 से अधिक बैंक प्रबंधकों ने भाग लिया और इस प्रशिक्षण के दौरान बैंक प्रबंधकों को वित्तीय समावेशन के तहत विभिन्न विषयों से अवगत करवाया गया।
इस प्रशिक्षण में जालंधर के सभी ब्लॉकों में स्वयं सहायता समूहों को सरकार और बैंकों द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं और रिवॉल्विंग फंड और कम्युनिटी निवेश फंड के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। इसके इलावा बैंक प्रबंधकों को बैंकों से मिलने वाली सुविधाओं और स्वयं सहायता समूहों के खाते खोलने, कैश क्रेडिट लिमिट, टर्म लोन, मुद्रा लोन और सभी प्रकार के बीमा के बारे में जानकारी प्रदान की गई।
इस अवसर पर अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर (ग्रामीण विकास) वरिंदरपाल सिंह बाजवा ने सभी बैंक अधिकारियों से कहा कि स्वयं सहायता समूहों को अधिक से अधिक सुविधाएं प्रदान की जाएं ताकि इन समूहों से जुड़ी महिलाएं अपना स्वंय का कारोबार कर आत्मनिर्भर बनें और समाज एवं राज्य की प्रगति में सक्रिय भूमिका निभा कर अपना योगदान दे। प्रशिक्षण के उपरान्त अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर (ग्रामीण विकास) द्वारा सर्टीफिकेट भी बांटे गए।
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