मुस्लिम विरोधी आम आदमी पार्टी, वक्फ बोर्ड और अल्पसंख्यक कमिशन बनाया डमी, मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद भी समस्याओं का हल नहीं

- अल्पसंख्यक आयोग चेयरमैन और वक्फ बोर्ड बने मूकदर्शक - एमएफ फारूकी को एडमिनिस्ट्रेटर पद से हटाना सरकार की सबसे बड़ी भूल, मुसलमान में पाया जा रहा भारी रोष

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जालंधर 13 दिसम्बर : आज भी पंजाब विशेष तौर पर जालंधर के मुसलमान अपनी समस्याओं को लेकर दर-दर की ठोकर खाने पर मजबूर हैं, उनकी समस्याएं आज भी अधर में अटकी हुई हैं। दूसरी राजनीतिक पार्टियों की तरह आम आदमी पार्टी सरकार ने भी मुसलमानों को वोट बैंक के तौर पर इस्तेमाल किया हो।
ऑल इंडिया जमात ए सलमानी ट्रस्ट के चेयरमैन हाजी आबिद हसन सलमानी ने प्रेस क्लब में प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार निकम्मी सरकार बनकर रह गई है। पंजाब वक्फ बोर्ड जो मुस्लिम समुदाय का सबसे अहम विभाग है उसे खत्म करने पर सरकार काम कर रही है क्योंकि पिछले मशनों पूर्व एडमिनिस्ट्रेटर एडीजीपी एमएफ फारूकी को हटाना यह दर्शाता है कि सरकार उनके द्वारा मुस्लिम समुदाय की बेहतरी लिए किए जा रहे कार्य से खुश नही है जिससे पंजाब भर के मुस्लिम समुदाय में रोज पाया जा रहा है। जालंधर में लोकसभा उपचुनाव के दौरान मुख्यमंत्री भगवंत मान खुद जालंधर ईदगाह अपने पहुंचकर उसे डेवलपमेंट करने का आश्वासन दे चुके हैं लेकिन 2 साल बाद भी यह वादा अधूरा पड़ा हुआ है।
सरकार द्वारा अल्पसंख्यकों की समस्याओं के हल के लिए जालंधर से बारी सलमानी को माइनॉरिटी कमीशन चेयरमैन बनाया है जो सिर्फ अपनी सियासी रोटियां सेकने में लगा हुआ है। माइनॉरिटी कमिश्नर को कई बार अल्पसंख्यकों की समस्याएं बताई गई हैं लेकिन उसका कोई हल नहीं हुआ। प्रतापपुर में इस्लामिया स्कूल खोलने में रुकावट डालने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई, कैंट ईदगाह, बस्ती अड्डा व अली मोहल्ला की मस्जिदों का मामला माइनॉरिटी कमीशन द्वारा हल नहीं किया गया, नवांशहर की मस्जिद का मामला जिसमें हमें ही पीछे हटना पड़ा,वहीं खांबड़ा कब्रिस्तान, गढ़ा कब्रिस्तान का मामला भी उलझा हुआ है। लोकसभा चुनाव और जालंधर वेस्ट उपचुनाव में आम आदमी पार्टी के मौजूदा प्रधान अमन अरोड़ा सहित कई कैबिनेट मंत्री और विधायकों ने आश्वासन दिया था कि यह सारी समस्याओं का हल किया जाएगा लेकिन जीत हासिल करने के बाद उन्होंने मिलने से भी मना कर दिया।
पंजाब वक्फ बोर्ड की तारीख में पहली बार रिकॉर्ड रेवेन्यू इकट्ठा करवाने वाले एडीजीपी पंजाब एम एफ फारूकी को एडमिनिस्ट्रेटर पद से हटा दिया गया क्योंकि व पंजाब भर के मुसलमानों की समस्याओं को हल कर रहे थे। जिससे पंजाब भर के मुसलमानों में मायूसी पाई जा रही है। उन्होंने पंजाब सरकार से अपील की है कि एमएफ फारूकी साहब को दोबारा वक्फ बोर्ड का एडमिनिस्ट्रेटर बनाया जाए ताकि मुसलमानों के अधूरे काम पूरा हो सकें।
पंजाब सरकार ने इस वक्त शौकत अहमद पारे को वक्फ बोर्ड का एडमिनिस्ट्रेटर लगाया है जो मुसलमानों की समस्याओं को हल करना तो दूर की बात मुसलमानों से मिलते भी नहीं। यूपी की तरह पंजाब में भी अल्पसंख्यक मुसलमानों के साथ भेदभाव हो रहा है। इस मौके पर कांग्रेसी नेता मोबीन अहमद कारी इकराम शहजाद सलमानी वसीम सलमानी सलमान सलमानी मैक्स सलमानी बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग मौजूद थे

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