पंजाब वक्फ बोर्ड का एतिहासिक फैसला, सूबे में 3 हजार नई पेंशन को मंजूरी, पटवारियों की सेलरी में बढ़ौतरी, देखें वीडियो में क्या किया ऐलान

- पंजाब के लोग बोले, सरकार एमएफ फारुकी को पक्के तौर पर वक्फ बोर्ड की जिम्मेदारी सौंपे

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जालंधर : पंजाब वक्फ बोर्ड की तरफ से एक बार फिर से एतिहासिक फैसला करते हुए सूबे में 3 हजार पेंशनों को मंजूरी दी गई है। जबकि बोर्ड की तरफ से अपने पटवारियों की सेलरी 15 हजार से 25 हजार रुपए करते हुए 5 हजार रुपए टीए देने के फैसलो को भी मंजूरी किया है। मंगलवार को पीएपी में एडीजीपी एमएप फारुकी व पंजाब वक्फ बोर्ड के एडमनिस्ट्रेटर की तरफ से सीईओ लतीफ अहमद के साथ मीटिंग की गई। जिसमें पंजाब वक्फ बोर्ड के कई लंबित मामलों को लेकर विचार विमर्श किया गया। इसमें बड़े फैसलो को एमएफ फारुकी की तरफ से मंजूरी दी गई। उन्होने बताया कि पंजाब वक्फ बोर्ड की तरफ से सूबे में विडो, विक्लांग और बुढ़ापा पेंशन देता है जिसमें पिछले लंबे समय से कई एप्लीकेशन उनके पास पहुंची थी लेकिन लंबित चल रही थी। बड़ी संख्या में सूबे के अलग-अलग जिलों से डिमांड थी कि इन पेंशनों को मंजूरी दी जाए। इस लिए बोर्ड की तरफ से 3 हजार नई पेंशनों को मंजूरी दी है। पंजाब वक्फ बोर्ड की तरफ से 4200 के करीब पहले पेंशन दी जाती है और अब 3 हजार नई पेंशनों को मंजूरी दी गई है। जिसके बाद पंजाब वक्फ बोर्ड का वार्षिक पेंशन बजट करीब 9 करोड़ रुपए हो जाएगा और सूबे में 7200 के करीब अलग-अलग कैटेगरी में लोगों को पेंशन दी जाएगी।
इसके अलावा पंजाब वक्फ बोर्ड की तरफ से अपने पटवारियों की सेलरी में भी भारी वृद्धि की गई है। पिछले कई सालों से उनकी डिमांड थी कि वह बेहद कम सेलरी पर काम कर रहे है और पंजाब सरकार भी रिटायर्ड पटवारियों को बेहतर सेलरी दे रहे है। पंजाब वक्फ बोर्ड के सीईओ लतीफ अहमद ने बताया कि बोर्ड की तरफ से अपने पटवारियों को 15 हजार रुपए से बढ़ाकर अब 25 हजार रुपए सेलरी दी जाएगी जबकि उन्हें 5 हजार रुपए टीए भी दिया जाएगा। मंगलवार को इन दोनों बड़े फैसलों पर मोहर लगने के बाद सूबे के लोगों की तरफ से एडमनिस्ट्रेटर एमएफ फारुकी की जमकर तारीफ की जा रही है। लोगं ने पंजाब सरकार से मांग करते हुए कहा कि एमएफ फारुकी को ही पक्के रुप से पंजाब वक्फ बोर्ड की जिम्मेदारी दी जाए। क्योंकि जब उन्हें एडमनिस्ट्रेटर बनाया गया था तब उन्होंने सबसे बड़ा फैसला बोर्ड के इमाम की सेलरी दोगुणी करने के साथ मस्जिदों को मिलने वाली सहायता राशि में वृद्धि की गई थी और अब फिर से बड़ा फैसला किया गया है। इसके अलावा एमएफ फारुकी की तरफ से सूबे के अलग-अलग जिलों में मस्जिदों की डेवलपमेंट, कब्रिस्तानों की चारदीवारी, कब्रिस्तानों को रिजर्व करने में बड़ा काम किया है। इस मौके पर मीटिंग में डॉ. मोहम्मद असलम व जमील अहमद भी मौजूद रहे।

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