जालंधर। जिला पठानकोट के गांव त्रेृटवां, सतीन, सारटी, नारोगढ़, खोर, बड़वां दा खूह, पतरालवां व नगरोटा इत्यादि गांवों के मुस्लमानों के प्रतिनिधि मंडल ने श्री एमएफ फारुकी आईपीएस एडीजीपी/एडमनिस्ट्रेटर पंजाब वक्फ बोर्ड से कब्रिस्तान व मस्जिद की मांग को लेकर पीएपी कांप्लेक्स जालंधर में मुलाकात की। उन्होंने फारुकी साहब को विस्तार से अपनी परेशानियों को बताया कि हमारे सभी गांव जो तहसील धारकलां जिला पठानकोट में पड़ते है का सामूहिक कब्रिस्तान गांव फंगोता में था। लगभग 20 साल पहले जब सरकार द्वारा रणजीत सागर डैम का निर्माण किया गया तो फंगोता गांव की पूरी जमीन का सरकार द्वारा अधिग्रहण कर लिया गया था हमारा कब्रिस्तान भी उसी जमीन में चला गया। यहां पर अब लगभग 2 हजार फुट से ज्यादा गहरा पानी है। इसके बाद से अयआज तक हम अपने मुर्दे को अलग-अलग जगहों पर चोरी छुपे दफनाते चले आ रहे है, इस संबंध में हमने पंजाब वक्फ बोर्ड के अधिकारियों, सरकारी अधिकारियों और जनता के प्रतिनिधियों से लगातार अपनी परेशानी को दूर करने के लिए प्रार्थना करते आ रहे है हमें झूठे आश्वासनों के अतिरिक्त कुछ नहीं मिला और हमारी यह परेशानी आज तक ज्यों की त्यों बनी हुई है। फारुकी साहब ने हमारी परेशानियों को गंभीरता से सुना और हमें आश्वासन दिया कि आपकी परेशानी का प्राथमिक्ता के आधार पर समाधान किया जाएगा और पंजाब वक्फ बोर्ड के एस्टेट अफसर गुरदासपुर को निर्देश दिए कि जल्द कब्रिस्तान के लिए 2 एकड़ जमीन तथा मस्जिद के लिए जमीन तलाश की जाए और उसको पंजाब वक्फ बोर्ड की ओर से खरीद कर गांव वालों को कब्रिस्तान व मस्जिद के लिए उपलब्ध करवाई जाए।
गांव वासी नजीर हुसैन बट्ट, बशीर अली, मोहम्मद युसूफ, फतेह मोहम्मद उर्फ फत्तू, अयूब मोहम्मद, मस्तदीन, शुकरदीन, रहमत अली, अालम दीन, मोहम्मद दीन, बिल्लू दीन इत्यादि लोगों से जब संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि लंबे समय बाद पंजाब वक्फ बोर्ड की कमान एक बेहतरीन अधिकारी को सौंपी गई है। पहली बार पंजाब वक्फ बोर्ड वह काम कर रहा है जो उसे करने चाहिए। हमारे गांवों में खुशी का माहौल है क्योंकि पंजाब वक्फ बोर्ड ने सालों पुरानी मांग को पूरा करने का आश्वासन दिया है। हम तह-दिल से जनाब एमएफ फारुकी साहब का शुक्रिया अदा करते है।
– इस संबंध में जब पंजाब वक्फ बोर्ड के एडमनिस्ट्रेटर जनाब एमएफ फारुकी से बात की तो उन्होंने बताया कि उक्त गांवों से मुस्लिम समुदाय का एक प्रतिनिधि मंडल मुझसे मिला और उन्होंने अपनी परेशानियों से मुझे अवगत करवाया तो मुझे पता चला कि इनकी परेशानी जायज है कि मरने के बाद भी दफनाने के लिए स्थानीय लोगों के पास कोई कब्रिस्तान उपलब्ध नहीं है। इस संबंध में मैने एस्टेट अफसर गुरदासपुर को निर्देश जारी किए है कि कब्रिस्तान के लिए 2 एकड़ जमीन और मस्जिद के लिए भी जमीन तलाश की जाए और उसे पंजाब वक्फ बोर्ड की तरफ से खरीद कर गांव वासियों को उपलब्ध करवाया जाए। यहां पर काबिल-ए-गौर है कि उक्त गांवों में पंजाब वक्फ बोर्ड की अपनी कोई जमीन नहीं है। इस लिए वक्फ बोर्ड इन्हें अपने खर्चे पर जमीन खरीद कर मुहैया करवाएगा।